सोनभद्र के पिपरी थाना क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान मई के पहले सप्ताह में एक पत्रकार की पुलिस द्वारा की गयी बर्बर पिटाई पर राष्ट्रीय मानवाधिकार योग ने कड़ाई से संज्ञान लिया है. आयोग ने आगामी छः सप्ताह के भीतर सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
ऐसा न करने पर आयोग ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 13 के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही करने और सम्बन्धी अधिकारियों को तलब करने की चेतावनी दी है.
मामला 7 मई का है जब शाम को मुख्य बाजार में अपनी दुकान पर कुछ काम से पहुंचे पत्रकार अजीत कुशवाहा की जमकर पिटाई कर दी. इस दौरान तीन कांस्टेबलों ने डंडे से पत्रकार को खूब पीटा, जिससे पत्रकार का हाथ फैक्चर हो गया और वह बुरी तरह जख्मी हो गया. जख्मी हालत में उसे तत्काल हिंडाल्को चिकित्सालय ले जाया गया. इस मामले में अब तक तीन सिपाहियों को निलंबित किया गया है।
पत्रकार पर हमले का संज्ञान लेटे हुए पत्रकारों पर हमले के विरुद्ध समिति (CAAJ) के घटक स्थानीय संगठन ने पहल की और मानवाधिकार आयोग को घटना की शिकायत भेजी जिसमें स्थानीय अखबार की क्लिप्पिंग को सबूत के तौर पर लगाया गया था.
9 मई को भेजी गयी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने 25 जून को सुनवाई की और जिले के पुलिस अधीक्षक को एक्शन टेकेन रिपोर्ट (ATR) भेजने के लिए निर्देशित किया.
अजीत कुशवाहा की पिटाई के मामले में पुलिस अधीक्षक ने पिपरी थाने में तैनात तीन सिपाहियों अखिलेश, सूरज व आदित्य को निलंबित कर दिया था.
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