उत्तर प्रदेश में कैदियों के बीच कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाये जाने संबंधी मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट ने शासन को नोटिस भेजा है। बनारस के जन मित्र न्यास द्वारा दायर इस याचिका में यह भी मांग की गयी थी कि कैदियों के बीच कोरोना संक्रमण के फैलाव की निगरानी के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाय।
कार्यवाहक जज जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने इस सम्बंध में 14 दिनों के भीतर राज्य सरकार को एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिये हैं।
WPILA_851_2021जन मित्र न्यास ने अपनी याचिका में दावा किया था कि राज्य की 72 जेलों में से करीब 63 फीसदी में अपेक्षित संख्या से ज्यादा कैदी हैं जिसके चलते संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। चूंकि ये कैदी जिस वातावरण में रहते हैं वह साफ-सुथरा नहीं है इसलिए प्राथमिकता के आधार पर कैदियों में टीकाकरण अभियान चलाया जाना चाहिए।
याचिका में कैदियों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलिंडर इत्यादि को भी सुनिश्चित करने की बात की गयी है। याचिकाकर्ता के अनुसार ऐसे अहम संसाधनों का अभाव संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के अंतर्गत दिये गये मूलभूत अधिकारों का हनन माना जाएगा। इस संदर्भ में याचिकाकर्ता ने यूपी जेल मैनुअल के चैप्टर 23 का संदर्भ दिया है और अदालत से इन उपायों को लागू करने की दरख्वास्त की है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने महामारी की सूरत में पिछले साल कैदियों की सशर्त रिहाई के सम्बंध में एक निर्देश जारी किया था। याचिका में उक्त फैसले का भी हवाला दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट केके राय और चार्ली प्रकाश ने पैरवी की। मामले में अगली सुनवाई की तारीख 16 जुलाई रखी गयी है।