लॉकडाउन एक ऐसा समाधान है जो अपने लिए एक समस्या की तलाश कर रहा है: बजाज


बजाज ऑटो के मुखिया राजीव बजाज मोदी सरकार और उसकी नीतियों के घोर आलोचक रहे हैं और नोटबंदी के खिलाफ खुल कर बोलने के लिए भी चर्चा में रहे हैं। एक बार फिर उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए ”लॉकडाउन ” को बेतुका और सरकार की मनमानी करार दिया।

सीएनबीसी टीवी 18 को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा- “लॉकडाउन एक ऐसा अजीब समाधान है जो अपने लिए एक समस्या की तलाश कर रहा है। देश पहले ही आर्थिक मंदी से जूझ रहा था, सरकार ने इस लॉकडाउन से देश को बड़े आर्थिक संकट में डाल दिया है और करोड़ों लोगों की रोजी रोटी पर बन आई है।”

उन्होंने कहा कि यह संकट कोरोनो वायरस ने शुरू ज़रूर किया था पर सरकार ने इसे बहुत बड़ा कर दिया है।

“मैं चाहता हूं कि सरकार इस समय समझदारी से काम ले। मुझे राहत पैकेज की आवश्यकता नहीं है । बाजार में मांग की कमी नहीं है, हमारी असल मुश्किल सरकार की नीतियां हैं”, बजाज ने कहा।

लॉकडाउन से परेशान उद्योगपतियों में बजाज एक बार फिर मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले पहले बड़े उद्योगपति बन गये हैं। बजाज ऑटो के प्लांट पुणे, औरंगाबाद और पंतनगर में हैं । पहले ही 5 फीसदी से भी कम ग्रोथ से जूझ रही कम्पनी की मुश्किलें लॉकडाउन ने बढ़ा दी हैं।

लॉकडाउन के बाद दोपहिया वाहनों का उत्पादन पूरी तरह से बन्द है और तथाकथित ग्रीन ज़ोन क्षेत्रों में भी सोमवार कुछ ढील मिलने के बावजूद डीलर्स ने शो रूम नहीं खोले।

बजाज का मानना ​​है कि लॉकडाउन इस वायरस का समाधान नहीं हो सकता। “इस वायरस से लड़ने का एकमात्र तरीका “हर्ड इम्युनिटी” प्राप्त करना है जो तभी संभव है जब बहुत से लोग इस वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो जाएं , क्योंकि इस वायरस का वैक्सीन बनने में अभी दो साल और लग सकते हैं। फिलहाल तो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की जरूरत है। इसके लिए 60 साल से ऊपर के कर्मचारियों को छोड़कर बाकी सभी को तुरंत काम पर लौटने की इजाजत देनी चाहिए।”

आइएमएफ ने हाल ही में अनुमान लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था इस साल सिर्फ 1.9 प्रतिशत से आगे बढ़ेगी जो पिछले 50 साल में सबसे कम है और वैश्विक अर्थव्यवस्था का हाल और बुरा रहेगा जिसमे 3 प्रतिशत की निगेटिव ग्रोथ की आशंका है।

बजाज ने सरकार से उन नियमों को रद्द करने का आग्रह किया जिनके तहत किसी कारखाने में यदि कोई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाया गया तो उसे तीन महीने तक सील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा- “यह नियम न सिर्फ बहुत सख्त है ,बल्कि मूर्खतापूर्ण है। हम सरकार और डॉक्टरों द्वारा बताई गई हर सावधानी बरतेंगे और आप हर दिन हमारी फैक्ट्री का निरीक्षण कर सकते हैं, पर हमारे सर पर यह तलवार मत लटकाइये। इस तरह तो इंस्पेक्टर राज शुरू हो जाएगा। जांच ज़रूर करें। अगर कुछ गड़बड़ है, तो फैक्टरी को दो दिनों के लिए बंद कर दें और हमें सिस्टम को सुधारने दें। मगर यह क्या? आप तीन महीनों के लिए हमें पूरी तरह से बंद करना चाहते हैं। इस तरह तो कोई भी अपनी फेक्ट्री नहीं खोलेगा।

टू-व्हीलर बाजार के बादशाह ने कहा कि इस तरह की आधी अधूरी छूट से कुछ भी हासिल नहीं होगा। “हमें सबसे पहले अपने डीलर की दुकानें खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। ग्रीन जोन में भी अब तक कोई डीलरशिप नहीं खुली है। डीलर शोरुम खोलने से डर रहे हैं क्योंकि वे नहीं जानते कि पुलिस या दूसरे सरकारी अफसर उन पर क्या कार्रवाई करेंगे।”

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के पंतनगर में बजाज ऑटो को शुरू करने की अनुमति मिल गई थी लेकिन इससे हमें ज्यादा फायदा नहीं हुआ क्योंकि सप्लाई चैन चालू नहीं थी और मजदूर कारखाने तक नहीं पहुंच पा रहे थे।

बजाज ऑटो ने हाल ही में कहा था कि उसके कर्मचारियों ने मुश्किल हालात की वजह से खुद ही अपनी तनख्वाह कम करने के लिए कहा था। राहुल बजाज ने खुद भी अपना पूरा वेतन कंपनी को देने की बात कही है। इस तरह वे इस साल लगभग 100 से 200 करोड़ रुपया बचाने की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है इस वक्त तूफान से जहाज को बचाना जरूरी है। जहां तक डिमांड का सवाल है वह तो लॉकडाउन के खत्म होने पर बहुत जल्द ही वापस पैदा हो जाएगी।

प्रस्तुतिः संजय वर्मा


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5 Comments on “लॉकडाउन एक ऐसा समाधान है जो अपने लिए एक समस्या की तलाश कर रहा है: बजाज”

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