करीब डेढ़ महीने से गिरफ्तार चल रही मजदूर अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को ज़मानत मिल गयी है। पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने आज उनकी ज़मानत याचिका मंजूर कर ली। उनकी ज़मानत याचिका पर फैसला 24 फरवरी को ही आना था लेकिन मेडिकल रिपोर्ट जमा न हो पाने के कारण सुनवाई को आज के लिए मुल्तवी कर दिया गया था।
नवदीप के खिलाफ तीन एफआइआर हैं। दो में उन्हें पहले ही जमानत मिली हुई थी। यह ताजा ज़मानत तीसरी एफआइआर में है जिसका सम्बंध 12 जनवरी को कुंडली में हुई घटना के साथ है।
अदालत अभी उनकी गैर-कानूनी हिरासत के मसले पर सुनवाई जारी रखेगी।
नवदीप के वकील सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा ने ज़मानत याचिका पर दलील देते हुए बेंच से कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद। याचिका में कहा गया है कि नवदीप के साथ उत्पीड़न हुआ, उनसे मारपीट की गयी और उन्हें काफी चोटें आयी हैं।
पिछली 12 फरवरी को हाइकोर्ट ने इस 23 वर्षीया दलित मजदूर अधिकार कार्यकर्ता की गैर-कानूनी हिरासत पर स्वत: संज्ञान लिया था।
उधर नवदीप के साथ गिरफ्तार हुए मजदूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट आयी है जिसमें बताया गया है कि उनके शरीर में दो फ्रैक्चर हैं। चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज द्वारा की गयी जांच में पाया गया है कि शिव कुमार के हाथ और पैर में दो फ्रैक्चर हैं और पैरों के कुछ नाखून उखड़े हुए हैं।
शिव कुमार मजदूर अधिकार संगठन के अध्यक्ष हैं और नवदीप इसी संगठन में काम करती हैं। सोनीपत पुलिस द्वारा दर्ज केस में दोनों सह-आरोपी हैं।
बुधवार को सीएमसीएच द्वारा हाइकोर्ट में जमा करायी गयी शिव की मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि चार चोटें सामान्य हैं और दो गंभीर। उनकी मानसिक हालत भी ठीक नहीं है। सीएमसीएच के पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड को शिवकुमार ने जो जानकारी अपने उत्पीड़न के बारे में दी है, उसमें उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं। हरियाणा पुलिस ने बुधवार को इस मामले में हाइकोर्ट में जमा की गयी स्टेटस रिपोर्ट में सिरे से इन आरोपों को नकार दिया है।
(Livelaw और Netsuggest से उद्धृत)