हैदराबाद के वकील कार्तिक नवायन पर सुप्रीम कोर्ट ने दस हजार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है। नवायन ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कोरोना से बचने के उपाय में शामिल तरीकों के लिए “सोशल डिस्टैंसिंग” शब्द के इस्तेमाल के विरोध में विकल्प सुझाने के लिए सर्वोच्च अदालत में एक याचिका लगायी थी।
नवायन ने अदालत से दरखवास्त की थी कि सरकारों को कहा जाए कि “सोशल डिस्टैंसिंग” की जगह वे “फिज़िकल डिस्टैंसिंग”, “इंडीविजुअल डिस्टैंसिंग”, “डिज़ीज़ डिस्टैंसिंग” या “सेफ़ डिस्टैंसिंग” का प्रयोग करें।
इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर सीधे 10,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया है।