पॉल रॉबसन – समुद्र, आकाश और मिट्टी की आवाज़
इंदौर, 15 अप्रैल 2023 पिछली सदी के महान गायक और नागरिक अधिकारों के योद्धा पॉल रॉबसन की 125वीं जयंती के मौके पर भारतीय जन नाट्य सघ (इप्टा) की इंदौर इकाई …
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इंदौर, 15 अप्रैल 2023 पिछली सदी के महान गायक और नागरिक अधिकारों के योद्धा पॉल रॉबसन की 125वीं जयंती के मौके पर भारतीय जन नाट्य सघ (इप्टा) की इंदौर इकाई …
Read Moreप्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना की 87वीं वर्षगांठ एवं हरिशंकर परसाई की जन्मशताब्दी के अवसर पर प्रलेस की इंदौर इकाई द्वारा ओसीसी होम, रुद्राक्ष भवन, इंदौर में गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने संबंधित विषयों पर अपनी बात रखी।
Read Moreआइएफसी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को धन देता है जो बदले में बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं को उधार देते हैं। IFC ने कथित तौर पर भारत में लगभग 88 वित्तीय संस्थानों को करीब 5 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया है।
Read Moreअतिरिक्त उपायुक्त, गुरुग्राम की मध्यस्थता में चली प्रबंधन व यूनियन की वार्ताओं में प्रबंधन का रवैया मजदूरी विरोधी है। प्रबंधन अपनी छंटनी की मंशा को त्यागने को तैयार नहीं है।
Read Moreभारत में खाद्य और पेय उद्योग 34 मिलियन टन की बिक्री के साथ दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। यूरोमॉनिटर के आंकड़ों के अनुसार, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत 2020 तक दुनिया में पैकेज्ड फूड के लिए तीसरे सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरने के लिए तैयार है।
Read Moreघाघरा और गंगा नदी के संगम पर बसे इस छोटे से शहर में भी महिला उद्यमियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और इसमें उनकी मदद की है इंटरनेट और प्रौद्योगिकीकरण ने। सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी के एडवांसमेंट ने न केवल महिलाओं के उद्यमी होने की संभावनाओं को बढ़ाया है बल्कि स्मार्टफोन और लैपटॉप की मदद से उनकी उंगलियों पर ला दिया है।
Read Moreप्रतिनिधियों ने संकल्प लिया कि समाज में बहुमुखी विकास और खुशहाली के लिए आशा ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, संविधान और सौहार्द पर अपने प्रयास और सघन करेगी तथा हम सुदूर इलाकों में अपनी पहुँच बढाने की दिशा में काम करेंगे।
Read More1987 में आयी एक पुस्तक ‘गांधी ऑन वॉर एंड पीस’ में लेखक कहते हैं कि ‘’गांधी की दृष्टि में जंग समकालीन जगत की सबसे महत्वपूर्ण समस्या है।‘’ गांधी ‘’सही’’ और ‘’गलत’’ युद्ध के बीच भेद नहीं करते थे- उनकी नजर में हर जंग खराब और अन्यायपूर्ण थी। उनका दृढ़ मत था कि ‘’कुछ भी स्थायी हासिल करने के लिए युद्ध नैतिक रूप से वैध साधन नहीं हो सकता।‘’
Read Moreमुसहरी बस्ती की महिलाएं कहती हैं कि उन्हें केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि जन्म से मानसिक हिंसा भी झेलनी पड़ती है। बचपन से उसे दहेज के लिए अपने बाप-दादा से गरीबी और लाचारी की व्यथा सुननी पड़ती है। उसे जन्म लेना उस समय पाप लगता है जब उसके परिवार से दहेज की मांग की जाती है।
Read Moreबस्ती बचाओ संघर्ष समिति इस मामले में सामाजिक और न्यायालयी स्तर पर मामले को बस्तीवासियों के पक्ष में उठा रही थी। साफ है कि यह बस्ती बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं को हैरान-परेशान करने के इरादे से की गयी कार्यवाही है।
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