अंतरराष्ट्रीय स्तर की पुरस्कार प्राप्त फोटो पत्रकार मसरत ज़हरा पर श्रीनगर पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर की नेटवर्क फॉर विमेन इन मीडिया इंडिया (NWMI) ने निंदा की है। वॉशिंगटन पोस्ट से लेकर अल जज़ीरा और कारवां तक में छपने वाली इस फोटो पत्रकार पर श्रीनगर पुलिस ने 18 अप्रैल को आइपीसी की विभिन्न धाराओं और खतरनाक कानून यूएपीए के अंतर्गत एफआइआर दर्ज की थी।
मसरत ज़हरा पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने फेसबुक पर राष्ट्रविरोधी पोस्ट डाली थीं जिनका उद्देश्य शांति भंग करना और युवाओं को भड़काना था।
मसरत खुद NWMI की सदस्य हैं और अपनी फोटो पत्रकारिता के माध्यम से उन्होंने कश्मीर के लोगों की जिंदगी का सघन दस्तावेजीकरण किया है।
संगठन ने खासकर कश्मीर के सैन्य क्षेत्र में रहने वाली औरतों की जिंदगियों को संवेदनशीलता के साथ डॉक्युमेंट करने की मसरत की उपलब्धियों का हवाला दिया है और कहा है कि फेसबुक पर उनकी पोस्ट बहुत करुणामय और संवेदनशील हैं, जिनमें कश्मीरी औरतों के प्रति सहानुभूति झलकती है।
हाल के दिनों में मसरत दूसरी पत्रकार हैं जिन पर गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून यूपीएपीए लगाया गया है। इससे पहले आसिफ़ सुलतान पर भी यही धारा लगायी गयी थी जिन्होंने बुरहान वानी पर एक लेख लिखा था। वे अभी जेल में बंद हैं।
संगठन ने मांग की है कि मसरत पर लगी एफआइआर को वापस लिया जाए और कश्मीर में तैनात सुरक्षाबल व पुलिस वहां पत्रकारों का उत्पीड़न करना बंद करें।
NWMI का पूरा बयान यहां पढ़ा जा सकता है।
http://www.nwmindia.org/component/k2/drop-fir-against-kashmiri-photojournalist-masrat-zahra-nwmi