भारतीय महिला फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव साथी एनी राजा, राष्ट्रीय सचिव निशा सिद्धु और एक एडवोकेट दीक्षा के मणिपुर दौरे पर दर्ज की गयी एफआइ आर की भारतीय महिला फेडरेशन, मध्य प्रदेश इकाई कड़ी भर्त्सना करती है।
मणिपुर हमारे देश का ही हिस्सा है, वहाँ लंबे समय से हिंसा और तनाव का माहौल है। 55 दिन तक राज्य व केंद्र ने शांति बहाल करने के लिए कुछ नहीं किया। भारतीय महिला फेडरेशन की अन्य राज्यों की तरह मणिपुर में भी इकाई है तो अपने साथियों का हालचाल जानना और सरकार की अकर्मण्यता की जानकारी सामने लाना अपराध कैसे हो गया?
यह दिखाई दे रहा है कि सरकार एन केन प्रकारेण हर उस आवाज को दबा देना चाहती है जो उसकी नाकामी और बर्बरता को सामने लाने की कोशिश भी करे।
एक तरफ ये राज्य और केन्द्र सरकार एक -एक कर राज्यों को भेदभाव और सामुदायिक, सांप्रदायिक हिंसा में झोंक कर उनके तमाम मौलिक और संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर तबाह कर रही हैं और किसी को उनके इरादों को बाहर लाने का भी अधिकार नहीं। पूरा देश धीरे धीरे एक जेल में बदल देने और सरकारी पुलिस का नागरिकों की आवाज कुचलने का अधिकार केंद्र और राज्य सरकारों को है, वहीं जान हथेली पर ले कर आम जनता के सामने सच्चाई लाने वालों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जाती है।
भारतीय महिला फेडरेशन, मध्य प्रदेश इन साथियों की बहादुरी पर उन्हें बधाई और धन्यवाद देती है वहीं उनके खिलाफ दर्ज हुई इस बेबुनियाद और वाहियात एफआईआर को तुरंत वापस लेने की मांग सरकार से करती है।
इससे एक बार फिर सिद्ध हो जाता है कि सरकारी कामकाजों में जो असंवेदनशीलता और असंवैधानिक झोल हैं उन्हें वह सामने आने देना नहीं चाहती। एक बार फिर स्पष्ट और कड़े शब्दों में हम इस एफआइआर को तुरंत रद्द किए जाने की मांग करते हैं।
भारतीय महिला फेडरेशन, मध्य प्रदेश