देश में संपादकों की सबसे बड़ी संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश में पत्रकारों के लगातार जारी उत्पीड़न के मसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास राष्ट्रीय स्तर के संपादकों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने पर विचार कर रही है। ऐसी इच्छा गिल्ड ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे एक पत्र में ज़ाहिर की है।
पिछले दिनों एडिटर्स गिल्ड में एक बड़ा बदलाव हुआ है। गिल्ड के चुनाव में वरिष्ठ पत्रकार सीमा मुस्तफ़ा जीत कर अध्यक्ष बनी हैं। उनकी अध्यक्षता में सबसे पहले अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर एक बयान गिल्ड ने जारी किया, उसके बाद यह पत्र आया है।
सोमवार को योगी को लिखे इस पत्र में गिल्ड ने पिछले एक साल से ज्यादा वक्त के दौरान यूपी में प्रताड़ित और गिरफ्तार पत्रकारों की एक सूची गिनवाते हुए उनके मामलों का संक्षिप्त विवरण दिया है। इनमें हाल ही में हाथरस कांड को कवर करने गए पत्रकार सिद्दीक कप्पन की पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का बताकर मथुरा में की गयी गिरफ्तारी का जिक्र सबसे पहले आया है।
उसके बाद स्क्रॉल की संपादक सुप्रिया शर्मा का मामला आता है जिनके ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में एक खबर को लेकर इस जून में मुकदमा कायम किया गया था।
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इस साल सितंबर में बिजनौर में पांच पत्रकारों के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा भी सूची में शामिल है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान सीतापुर में रवींद्र सक्सेना पर दर्ज मुकदमा और बनारस में जनसंदेश टाइम्स के पत्रकार मनीष मिश्र व विजय विनीत पर मार्च में हुआ केस भी शामिल है।
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हाथरस कांड के सिलसिले में लखनऊ में पत्रकार असद रिज़वी पर हुए हमले का भी पत्र में जिक्र है।
गिल्ड ने मुख्यमंत्री को लिख करअनुरोध किया है कि वे गिरफ्तार पत्रकारों को रिहा करें, समीक्षाधीन मुकदमों को वापस लें और प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।
गिल्ड ने लिखा है कि वह संपादकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने को भेजने का इच्छुक है ताकि उनके प्रशासन के साथ मिलकर निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से मीडिया को काम करने देने का अनुकूल माहौल मुहैया करवाने के तरीके खोजे जा सकें।
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