दक्षिण कोरिया का प्रतिष्ठित ली हो छ पुरस्कार इस साल भारत की लेखिका अरुंधति रॉय को दिया जाएगा। यह शांति के लिए दिया जाने वाला साहित्यिक पुरस्कार है जिसकी स्थापना 2017 में की गयी थी।
युनपिंयोंग जू डिट्रिक्ट ऑफिस, स्योल द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि बीते 10 नवंबर को कोरिया प्रेस सेंटर, स्योल में अरुंधति रॉय के साथ एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस आशय की घोषणा की गयी थी। वास्तविक पुरस्कार समारोह को कोविड के चलते अगले साल के लिए टाल दिया गया है। समारोह के वक्त ही रॉय को पुरस्कार राशि के रूप में 50 मिलियन केआरडब्लू (करीब तीन करोड़ 32 लाख रुपये) प्रदान किया जाएगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस साल शांति के लिए ली हो छ साहित्यिक पुरस्कार (एलएलपीपी) के लिए चयन समिति ने अरुंधति रॉय को इसलिए चुना क्योंकि ‘’रॉय की साहित्यिक चेतना इस मामले में लेखक ली हो छ के समांतर है कि उन्होंने भारत की समस्याग्रस्त चेतना के इतिहास में निरंतर शांति के लिए प्रयास किया है।‘’
ली हो छ दक्षिण कोरिया के एक महान लेखक थे जिनके नाम पर यह पुरस्कार तीन साल से दिया जा रहा है। ली हो छ के लेखन को कोरियाई प्रायद्वीप के एकीकरण और शांति की दिशा में प्रतीकात्मक महत्व प्राप्त है। इससे पहले यह पुरस्कार कोरिया/जापान के किम सुक बुम, फलस्तीन के सहर खलीफ़े और सोमालिया के नूरुद्दीन फ़राह को दिया जा चुका है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरुंधति रॉय ने कोरियाई पत्रकारों को बताया था कि समारोह में मिलने वाली पुरस्कार राशि से वे लोगों की मदद करेंगी। पूरी प्रेस विज्ञप्ति नीचे दी जा रही है।
Press-Release_The-Lee-Hochul-Literary-Prize-for-Peace