दिल्ली की एक अदालत ने आज पूर्व सम्पादक और अब एनडीए सरकार का हिस्सा हो चुके एमजे अकबर के खिलाफ एक बड़ा फैसला देते हुए उत्पीड़ित महिलाओं को इज्जत बख्शी है। अकबर के ऊपर पत्रकार प्रिया रमानी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसके जवाब में अकबर ने मानहानि का मुकदमा किया था। रमानी को इस मामले में बरी कर दिया गया है।
यह फैसला 1 फरवरी को सुरक्षित रख लिया गया था और 10 फरवरी को ही आना था लेकिन लिखित प्रतिवेदनों के जमा होने में देरी के कारण आज की तारीख दे दी गयी थी।
अदालत ने रमानी को आपराधिक मानहानि से बरी करते हुए टिप्पणी की, ‘’महिला को दशकों बाद अपनी शिकायत दर्ज कराने का अधिकार है।‘’ कोर्ट ने कहा, ‘’यौन उत्पीड़न आत्मप्रतिष्ठा और आत्मविश्वास को हर लेता है। आत्मप्रतिष्ठा के अधिकार की कीमत पर किसी के मान के अधिकार की रक्षा नहीं की जा सकती।‘’
फैसले में कहा गया है, ‘’वक्त आ गया है कि हमारा समाज इस बात को समझे कि एक उत्पीड़ित महिला मानसिक सदमे के कारण कई वर्षों तक चुप रह सकती है। इसलिए यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठाने पर महिला को दंडित नहीं किया जा सकता।‘’
अडीशनल सीएमएम रवींद्र पांडे ने दोनों पक्षों की मौजूदगी में यह फैसला सुनाया है।