आज़मगढ़ः पैरोल पर छोड़ा, क्वारंटाइन में रखा, घर जाते वक्त गैंगस्टर लगाकर फिर उठा लिया


लखनऊ 18 अप्रैल 2020। रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा है कि आजमगढ़ निजामाबाद के अमानतुल्लाह और मोहम्मद अहमद के रिश्तेदार मोहम्मद आदिल ने उन्हें बताया कि दोनों को कोरोना महामारी के मद्देनजर पैरोल पर छोड़ा गया था। जेल से निकले के बाद कल तक उन्हें क्वारंटाइन किया गया था। कल जब वहां से उन्हें घर जाने के लिए छोड़ा गया तब पुलिस ने उन्हें उठा लिया, जिसके बाद उनके परिजनों ने थाने पर जब बात की तो थानेदार ने कहा कि सरकार का आदेश है कि उन पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाए।

इसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक आज़मगढ़, मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय, मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद, राज्यपाल उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, गृह मंत्रालय, गृह मंत्रालय उत्तर प्रदेश, राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश, राज्य अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश और जिलाधिकारी आजमगढ़ को शिकायती पत्र लिखा है।

हाईकोर्ट के अधिवक्ता संतोष सिंह ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पैरोल पर छूटे कैदियों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई को बदले की कार्रवाई कहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई का कोई आदेश दिया है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छूटे कैदियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई ज़हां न्यायालय की अवमानना है वहीं कोरोना जैसी महामारी के प्रति प्रशासन की अगम्भीरता को उजागर करता है।

रिहाई मंच ने कहा कि यह समाज के एक खास तबके पर हमले जैसी बात है। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट इस बात का संज्ञान ले क्योंकि जेलों में वंचित समाज के कैदियों की संख्या सरकारों की दोषपूर्ण नीतियों के चलते अधिक है। कोरोना महामारी के दौर में यह मनुवादी व्यवहार कैदियों के जीवन के लिए खतरा बन जाएगा।

द्वारा-

राजीव यादव
महासचिव
रिहाई मंच
9452800752


सेवा में,
श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय
आज़मगढ़

महोदय,

निवेदन करना है कि अमान उर्फ अमानतुल्लाह और मुहम्मद अहमद पुत्रगण तौफीक कुरैशी निवासी फरिहा थाना निज़ामाबाद जनपद आज़मगढ़ मुकदमा अपराध संख्या 44 सन 2020 अंतर्गत गौरक्षा हत्या निवारण अधिनियम में विचाराधीन कैदी के रूप में जिला कारागार आज़मगढ़ में निरुद्ध थे. दिनांक 7 अप्रैल 2020 को उपरोक्त मुहम्मद अहमद माननीय न्यायालय के आदेश पर जिला कारागार आज़मगढ़ से अंतरिम जमानत पर आठ सप्ताह के लिए रिहा किए गए और इसी प्रकार अमान उर्फ अमानतुल्लाह दिनांक 12 अप्रैल 2020 को आठ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किए गए. परंतु थानाध्यक्ष निज़ामाबाद द्वारा उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को थाने पर बिठा लिया गया और एसओ यह कह रहे हैं कि इन दोनों के विरुद्ध गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस प्रकार इन दोनों व्यक्तियों को थाने पर बिठाया जाना गैर कानूनी है.

अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि उपरोक्त अमानतुल्लाह और अहमद को तत्काल गैर कानूनी हिरासत से मुक्त कराने की कृपा करें.

प्रार्थी-

मुहम्मद आदिल
पुत्र मुहम्मद अकरम
थाना बिलरियागंज, कस्बा बिलरियागंज
आज़मगढ़
9616382225

प्रतिलिपि-
1- माननीय मुख्य न्यायधीश सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली
2- माननीय मुख्य न्यायधीश उच्च न्यायालय, इलाहाबाद
3- राज्यपाल, उत्तर प्रदेश
4- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली
5- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, नई दिल्ली
6- गृह मंत्रालय, भारत सरकार
7- गृह मंत्रलय, उत्तर प्रदेश
8- राज्य मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश
9- राज्य अल्पसंख्यक आयोग, उत्तर प्रदेश
10- जिलाधिकारी, आजमगढ़


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