मुंबई: हिंदी दिवस पर जलेस का बहुभाषी कवि सम्मेलन, मीरा रोड पर लगा काव्य का अद्भुत संगम

दिल्ली से पधारी प्रमुख अतिथि, लेखिका-कवयित्री एवं एक्टिविस्ट अनिता भारती ने अपनी प्रभावशाली कविताएँ सुनाईं और कहा कि कोई भी भाषा छोटी या बड़ी नहीं होती। उन्होंने बताया कि मराठी से हिंदी में दलित साहित्य का अनुवाद पढ़ने के बाद उन्हें नई जीवन-दृष्टि और शक्ति प्राप्त हुई।

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इब्ने इंशा: एक शायर, एक दीवाना, जिसका काटा सोते में भी मुस्कुराता है…

जब एक अदीब और शायर गद्य और पद्य दोनों में एक जैसी महारत रखता है तो अक्सर ऐसा होता है कि उसका एक पहलू लोगों की निगाह से ओझल हो जाता है. इब्ने इंशा के साथ भी ऐसा ही हुआ है. कुछ सिर्फ़ उनकी शायरी को जानते हैं और कुछ सिर्फ़ उनके गद्य को.

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