हरदोई: भरावन में किसान महापंचायत का आयोजन, नये कृषि कानून रद्द करने की मांग
न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने पर किसान कम से कम उसे लागू कराने के लिए लड़ तो सकता है। अब आंदोलन के दबाव में कहा जा रहा है कि मण्डी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म नहीं की जा रही है। लेकिन जब धीरे धीरे किसान बाजार पर आश्रित हो जाएगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य व मण्डी की व्यवस्था अप्रासंगिक हो जाएगी तो किसान पूरी तरह से बाजार के हवाले हो जाएगा। किसान को न सिर्फ 23 उपजों पर बल्कि सभी उपजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानूनी अधिकार के रूप में मिलनी ही नहीं चाहिए बल्कि उस पर खरीद भी होनी चाहिए व मण्डी व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था या राशन की दुकानें भी कायम रहें।
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