सच्ची रामायण और हिंदी का कुनबावाद: संदर्भ ललई सिंह यादव

श्री यादव ने खुद को उत्तर भारत के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता ललई सिंह का अनन्य भक्त और घोर समर्थक सिद्ध करने की कोशिश की है, हालाँकि उन्होंने यह नहीं बताया है कि उनकी इस भक्ति का मूल आधार क्या है?

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गाहे-बगाहे: है किस क़दर हलाक-ए फ़रेब-ए वफ़ा-ए गुल!

हिन्दू महासभा और संघ की हैसियत वही है जो मुस्लिम लीग की है। दोनों का उद्देश्य और निहितार्थ, भाषा और चाल-चरित्र एक है। फर्क यह है कि मुस्लिम लीग मुसलमानों की बात करता है और संघ हिंदुओं की जबकि वास्तविकता यह है कि संघ ने न हिन्दू शोषकों से जनता की मुक्ति की बात की न मुस्लिम लीग ने मुस्लिम शोषकों से।

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