पंचतत्व: अब भी दस साल का वक्त है, संभल जाइए वरना जीते जी प्यासा मरना पड़ सकता है!

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन, ये चार देश मिलकर दुनिया के सालाना भूमिगत जल का आधे से अधिक हिस्सा हड़प लेते हैं. इसलिए इन देशों में नदी बेसिनों में जलभंडार का रिचार्ज होना बेहद अहम है क्योंकि खेती, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और विकास की तकरीबन सारी गतिविधियों के लिए पानी अपरिहार्य है.

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पंचतत्व: एक संकल्प उन मरते नदी-पोखरों के लिए भी, जिसमें खड़े होकर हमने सूर्य को अर्घ्य दिया!

अगस्त में आपने बिहार, असम और केरल जैसे राज्यों में भयानक बाढ़ की खबरें पढ़ी होंगी, ऐसे में अगर मैं यह लिखूं कि देश की बारहमासी नदियां अब मौसमी नदियों में बदल रही हैं और उनमें पानी कम हो रहा है तो क्या यह भाषायी विरोधाभास होगा? पर समस्या की जड़ कहीं और है।

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