स्‍मृतिशेष: रघुवंश बाबू का जाना भारतीय राजनीति को रिक्त कर गया है

उनके घर में कभी भी कोई बिना रोकटोक के आ जा सकता था. इसका लाभ कुछ लोग अलग तरह से उठाने की कोशिश भी करते थे, लेकिन रघुवंश बाबू से इस तरह का लाभ लेना बहुत ही मुश्किल काम था.

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