किसानों और खेतिहर मजदूरों की खुदकुशी: पंजाब की जमीनी हकीकत बनाम सरकारी आँकड़े

हर दिन 2500 किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। अब तीन नये कृषि कानूनों के चलते बड़े किसान भी खेती से बाहर हो जाएंगे। इस तरह किसानों को खेती से अलगाव में डालने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और कॉरपोरेट सेक्‍टर का रास्‍ता आसान हो जाएगा।

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हाथरस कांड के आगे और पीछे सिर्फ और सिर्फ जाति का खेल है, और कुछ नहीं!

हाथरस की घटना दलितों पर होने वाले अत्याचार का आईना मात्र है, लेकिन यह घटना सामूहिक बलात्कार की अन्य घटनाओं से भी आगे बढ़कर है जहां पीड़िता की जीभ को काट दिया गया, रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया गया तथा सामूहिक बलात्कार ने उस लड़की के आत्मसम्मान, स्वाभिमान और मानव गरिमा को धूमिल कर दिया। जहां तक सामाजिक न्याय, सम्मान, विश्वास का सवाल है वह प्रत्येक दिन दलितों के साथ उड़ जाता है।

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आत्महत्या पर NCRB के नये आंकड़ों में विश्‍वगुरु बनता भारत, हर घंटे 15-16 खुदकुशी

एनसीआरबी के अनुसार पिछले वर्ष 2019 में 1.39 लाख से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है और वर्ष 2018 की तुलना में इसमें 3.42% की वृद्धि हुई है। 2017 में जहां प्रति लाख आबादी में 9.9 लोग आत्महत्या कर रहे थे, वहीं आज 10.4 लोग आत्महत्या कर रहे हैं। मोदीकाल की यह सर्वाधिक दर है।

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