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राग दरबारी: खुद को ‘किसान’ कहने वाले 25% से ज्यादा सांसदों की हैसियत क्या कुछ भी नहीं?
किसानों के पास किसी तरह की कोई आर्थिक ताकत नहीं रह गयी है जबकि संसद में सिर्फ 25 (2.73 फीसदी) सांसद ऐसे हैं जो अपने को उद्योगपति कहते हैं, लेकिन इनके हितों को लाभ पहुंचाने के लिए पूरा देश तैयार है।
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