हर्फ़-ओ-हिकायत: राष्ट्रवाद के भीतर पनपता हिंसक राज्यवाद और अपने अतीत से विमुख समाज

जिन राज्यों के बीच सीमा विवाद या जल विवाद है उनका अस्तित्व ही ज्यादा से ज्यादा पचास वर्षों का है। ऐसे में अगले पचास वर्षों में कौन सा राज्यवाद आकार लेगा ये कहना मुश्किल है, लेकिन इतिहास बता रहा है कि हमारे समाज को अपने अतीत में कोई दिलचस्पी नहीं है या फिर हमने इतिहास लेखन में भारी गलती कर दी है, जो लोगों को प्रेरणा देना तो दूर समझ ही में नहीं आ रहा है।

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बात बोलेगी: बिगड़ा हुआ है रंग जहान-ए-ख़राब का…

मौसम पर ये तोहमत लगती है कि एक-सा नहीं रहता। माशूकाएं अपने आशिक पर ये संदेह करती रहती हैं कि ‘मौसम की तरह तुम भी बदल तो न जाओगे’? मौसम …

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