प्रधानमंत्री का भाषण: महिमा-मंडन का कल्पनालोक बनाम यथार्थ की भयावहता

प्रधानमंत्री जी का कल्पना लोक जितना सुंदर है देश का यथार्थ उतना ही भयानक। यदि प्रधानमंत्री जी को इस अंतर का बोध नहीं है तो यह चिंताजनक है किंतु यदि उन्हें वास्तविक परिस्थिति का ज्ञान है फिर भी वे रणनीतिक रूप से स्वयं के महिमामंडन में लगे हैं तो परिस्थितियां डराने वाली हैं।

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दीप सिद्धू ने ली लाल किले पर निशान साहेब फहराने की जिम्मेदारी, किसान नेतृत्व ने पल्ला झाड़ा

गणतंत्र दिवस पर आयोजित किसान परेड में कुछ किसान जत्‍थों के अलग रूट पर चलकर दिल्‍ली में प्रवेश करने के बाद पुलिस के साथ हुई झड़प में एक किसान की मौत हुई है।

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