पॉलिटिकली Incorrect: जस्टिस काटजू तक पहुंचती आहटें, जिन्‍हें हम अनसुना किये बैठे हैं!

जस्टिस काटजू की हर बात में विवाद खोजने वाले भारत के कार्पोरेट मीडिया, वैकल्पिक मीडिया और लिबरल खेमे तक ने इस बयान को तवज्जो देना भी गवारा नहीं समझा। उन्होंने भी एक शब्द नहीं कहा, जो इससे मिलती-जुलती बातें वर्षों से करते आ रहे हैं।

Read More