ब्रिटेन में रोजगार पैदा करने के लिए एक अरब पौंड का निवेश? ये कैसी देशभक्ति है?

अकेले अप्रैल माह में भारत में कम से कम 75 लाख नौकरियां चलीं गयीं। हक़ीकत यही है कि महामारी के दौरान और मोदी के कुशासन में भारत में कई करोड़ नौकरियां समाप्त हुई हैं। और मोदी हुकूमत का वरदहस्त पाए धन्नासेठ ब्रिटेन में दस हजार करोड़ रूपया निवेश करने वाले हैं ताकि वहां उन्नत तनख्‍वाह वाली ब्रिटिश नौकरियां पैदा हों।

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‘आत्मनिर्भर’ भारत के 500 बिलियन डॉलर वाले अक्षय ऊर्जा बाजार पर दांव लगा रही है दुनिया

इस रिपोर्ट को पेश किया है इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (IEEFA) ने। रिपोर्ट के सह-लेखक और इसी संस्था में निदेशक, ऊर्जा वित्त अध्ययन, दक्षिण एशिया, टिम बकले, अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं, “भारत को अपने महत्वाकांक्षी रिन्यूएबल ऊर्जा लक्ष्यों के लिए जिस निधि की आवश्यकता है, वो पूंजी लगाने के लिए वित्तीय, कॉर्पोरेट, ऊर्जा, उपयोगिता और सरकारी क्षेत्रों में घरेलू और वैश्विक संस्थान तैयार हैं।”

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