प्रेमचंद और परसाई को पढ़ना क्यों जरूरी है?

जब देश में गुलामी का दौर था तब साहित्य, विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिले। आजाद भारत में आज का युवा धार्मिक यात्राओं में ही लीन हैं। प्रेमचंद को पहले ब्राह्मण विरोधी प्रचारित किया गया अब उन्हें दलित विरोधी बताया जा रहा है।

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बात बोलेगी: इंस्पेक्टर मातादीन की वापसी उर्फ़ इंस्पेक्टर मातादीन रिटर्न्स

अगर लोग किसी दैवीय आपदा के कारण उत्पन्न हुए संकटकाल में अपने नोट बदलने के लिए बैंको की लाइन में खड़े हों और सरकार के खिलाफ कुछ बात मन में भी सोच रहे हों, तो ये जाकर उसकी गर्दन दबोच सकते हैं। इन्हें मतलब तत्काल या निकट भविष्य में होने वाले किसी भी क्राइम, विरोध और अभिव्यक्ति के खतरे को भाँप लेने की जबर्दस्त शक्ति मिल गयी है।

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