जोशीमठ के आईने में हिमाचल का दर्दनाक भविष्य और विदेशी वित्तीय पूंजी का तांडव

हिमाचल के अंदर 2019 में हुई इनवेस्टर मीट के तहत जो 95 हजार करोड़ के मेमरोंडम ऑफ अंडरस्टेंडिग (एमओयू) हुए हैं अगर यह लागू हो जाए तो कितने जंगल का नाश होगा इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इतना ही नहीं सरकार हाईड्रो प्रोजेक्ट, मंडी के बल्ह, नांज, तत्तापानी जैसे इलाकों की उपजाऊ भूमि को भी बड़ी परियोजानाओं के लिए दे रही है।

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