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बंगाल का अकाल और ख़्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म ‘धरती के लाल’: IPTA की शृंखला
बिजन भट्टाचार्य का नाटक ‘नबान्न’ देखने के लिए जब अब्बास साहब 1943 गए तो वहां उन्होंने अकाल की वजह से पलायन करके कलकत्ता आए भीख माँगते किसानों और भूख की वजह से कचरे के ढेर से खाना तलाशते बच्चों, सड़कों पर गरीबों की लाशों तथा उसके बरक्स शानदार होटलों में चलते अमीरों के उत्सवों और जश्नों को देखा जिससे विचलित होकर और इसी विषय पर बने नाटक ‘नबान्न’, ‘अंतिम अभिलाषा’ और कृष्ण चन्दर की कहानी ‘अन्नदाता’ से प्रेरित होकर ‘धरती के लाल’ फिल्म बनाने की योजना बनायी।
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