
‘कोचिंग जाने वाले बच्चे’ उर्फ बिहार से दिल्ली तक बिखरी अनसुनी आवाजें, सपने और संघर्ष
राजधानी एक्सप्रेस वाया उम्मीदपुर हाल्ट उन लाखों युवाओं की स्मृतियों का दस्तावेज है जो अपने भविष्य के लिए वर्तमान को गिरवी रख चुके हैं। यह उपन्यास हमें बताता है कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी सिर्फ एक शैक्षणिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक संघर्ष भी है।
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