![](https://junputh.com/wp-content/uploads/2021/03/renu-348x215.jpg)
सौ साल के रेणु: मनुष्य की परतदार यातनाओं का कथा-शिल्पी
वे अमूर्त से सैद्धान्तिक सवालों पर बहस नहीं करते थे। उनके विचारों का स्रोत कहीं बाहर-पुस्तकीय ज्ञान में न था, राजनीतिक हस्तक्षेप में उनका विश्वास बढ़ रहा था। उनके मन में एक आशा पनप रही थी। और जब ऐसा कुछ हुआ, तो रेणु अचानक सक्रिय हो गए।
Read More