Attack of Mara, 10th century, Dunhuang

धम्म-बुद्ध और धर्म-युद्ध : अहिंसा की पीठ पर लदी हिंसा की चेष्टाएं

यह कहना कि भारत ने हमेशा बुद्ध के अहिंसक रूप से अपने समाज और जीवन को नियंत्रित किया है, यह तो सरासर गलत होगा।  एक ऐसा समाज जो वर्गीकरण, जाति-प्रथा और शोषण से ग्रस्त हो, जिसमें उसके संत-कवि एक बिना-ग़म  के “बेगमपुरा” की कल्पना करें, वह समाज और सभ्यता कभी भी संपूर्ण रूप से अहिंसक नहीं कहलायी जा सकती। 

Read More