मुलताई गोलीकांड में छुपे हैं मौजूदा किसान आंदोलन की कामयाबी के बीज
मुलताई गोलीकांड की खास बात यह है कि 12 जनवरी को गोली चालन कराने का षड्यंत्र करने वालों को सजा नहीं हुई, तीन मुकदमों में मेरे साथ-साथ तीन अन्य आंदोलनकारियों को आजीवन कारावास की सजा हुई। नेतृत्व करने के कारण मुझे 54 वर्ष की सजा सुनाई गई।
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