लॉकडाउन गवाही दे रहा है कि व्यवस्था चलाने वाले मजदूरों की जान कितनी सस्ती है

नाकारा सरकार और अमानवीय प्रशासनिक अमले के लिए मजदूर अब भी सिर्फ एक संख्या ही रहेंगे। इसके बाद भी वह उनके लिए कुछ करने वाले नहीं हैं।

Read More