दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर आशा कामगार यूनियन ने निकाला ‘आशा अधिकार मार्च’!

प्रदर्शन के उपरांत आशाओं का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से मिला और आशा कर्मियों के तरफ से ज्ञापन भी सौंपा। आशाओं ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, 21000 रुपए प्रतिमाह वेतन लागू करने, 10,000 रुपए प्रतिमाह कोरोना भत्ता देने, सवेतन मातृत्व अवकाश जैसी कई मांगे उठाई। कोरोना के दौरान मारी गई आशाओं को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने और यूनियन बनाने के अधिकार पर हमले को रोकने आदि मुद्दों को लेकर भी विरोध दर्ज किया गया।

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दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर आशा कामगार यूनियन का पोस्टकार्ड कैंपेन, 24 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

ऐक्टू से सम्बद्ध दिल्ली आशा कामगार यूनियन (ऐक्टू) ने दिल्ली में कार्यरत आशाओं के बीच ‘चुप्पी तोड़ो पोस्टकार्ड अभियान’ शुरू किया है. इस अभियान के तहत दिल्ली के विभिन्न इलाकों में कार्यरत आशा कर्मी अपनी मांगों को पोस्टकार्ड के माध्यम से प्रधानमन्त्री तक पहुंचाएंगी.दिल्ली आशा कामगार यूनियन (ऐक्टू) देशव्यापी आह्वान के तहत 24 सितम्बर को दिल्ली के मंडी हाउस से विरोध मार्च निकालकर कार्यक्रम में भागीदारी करेगी.

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दिल्ली आशा कामगार यूनियन (AICCTU) ने दिल्ली के कई डिस्पेंसरियों में किया विरोध प्रदर्शन

ऐक्टू व अन्य केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त प्लेटफार्म ने देशभर में स्कीम वर्कर्स की हड़ताल का फैसला लिया था जिसके तहत 7 और 8 को देशभर में स्कीम वर्कर्स की हड़ताल और 9 अगस्त को ‘जेल भरो’ आन्दोलन का आह्वान किया गया था.

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