बात बोलेगी: ‘ज़रूरत से ज्यादा लोकतंत्र’ के बीच फंसा एक सरकारी ‘स्पेशल पर्पज़ वेहिकल’!
अमिताभ कांत का बयान अगर आधिकारिक तौर पर भारत सरकार का बयान है, जो निश्चित तौर पर है, तो यह इस किसान आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उसने भारत सरकार की असल मंशाओं को उजागर करवा लिया है।
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