AISA का दसवां राष्ट्रीय सम्मेलन कोलकाता में सम्पन्न, सांप्रदायिक नफरत के खिलाफ लड़ने का संकल्प

भाकपा (माले-लिबरेशन) के महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, “ऐसे समय में जब आइसा अपना ऐतिहासिक सम्मेलन कर रहा है, उमर खालिद, गुलफिशा फातिमा जैसे कई स्टूडेंट एक्टिविस्ट, जिन्होंने लोकतांत्रिक कैंपस और नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया, को झूठे मुकदमे में जेलों में बंद कर दिया गया है। भीमा कोरेगांव की तरह, सीएए विरोधी प्रदर्शनों को आपराधिक बनाने की साजिश अंबेडकर के भारत को नष्ट करने की बड़ी योजना का हिस्सा है।”

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योगी सरकार वामपंथी-लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न कर रही है : माले

आइसा नेता सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कोरोना काल में मिले पैरोल पर रिहा हुए थे। मंगलवार को अदालत में राज्य सरकार के विरोध के कारण उनकी जमानत मंजूर नहीं हुई। माले नेता ने कहा कि यह लोकतांत्रिक आंदोलन व छात्र नेता के प्रति योगी सरकार के दमनकारी रुख का परिचायक है।

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