बदायूं गैंगरेप और हत्याकांड के मामले में तीनों आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. इस बीच पीड़ित परिवार से मिलने गईं राष्ट्रीय महिला आयोग की एक सदस्या के गैर-जिम्मेदाराना बयान पर चारों ओर निंदा हो रही है और पीड़िता की पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट लीक होने से सरकारी महकमे में खलबली मची हुई है।
बदायूं में गैंगरेप और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण को गांव वालों ने बीती रात को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया जिसके बाद पुलिस ने रात भर उससे पूछताछ की और इस मामले में दो और महिलाओं को हिरासत में ले लिया है. उनसे भी थाने में पूछताछ चल रही है.
इससे पहले 6 जनवरी को यूपी के एडीजी ने कहा था कि तीन में से दो आरोपी गिरफ्तार कर लिए गये हैं और मुख्य आरोपी पकड़ से बाहर है. समय पर कार्रवाई न करने के लिए दारोगा को बर्खास्त कर दिया गया है.
इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने सबसे विवादास्पद बयान दिया है. चंद्रमुखी देवी ने कहा:
”अगर शाम के समय महिला नहीं गई होती या परिवार का सदस्य कोई साथ में होता तो ऐसी घटना नहीं होती. उसे फोन करके बुलाया गया और फिर वह ऐसी स्थिति में वापस आई.”
उनके इस घटिया बयान के बाद चारों ओर उनकी आलोचना हो रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा-
क्या इस व्यवहार से हम महिला सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगे? महिला आयोग की सदस्य बलात्कार के लिए पीड़िता को दोषी ठहरा रही हैं. बदायूं प्रशासन को ये चिंता है कि इस केस का सच सामने लाने वाली पीड़िता की पोस्टमार्टम लीक कैसे हुई. याद रखिए कि इस समय एक और भयावह बलात्कार के मामले में मुरादाबाद की पीड़िता मौत से जंग लड़ रही है. महिलाएं इस प्रशासनिक प्रणाली को व इस बदजुबानी को माफ नहीं करेंगी.
दरअसल उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में पूजा करने गई 50 वर्षीय महिला की गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने गुरुवार को पीड़ित परिवार के घर का दौरा किया.परिवार से मुलाकात करने के बाद महिला आयोग की सदस्य देवी ने मीडिया से बात करते हुए यह बयान देकर हड़कंप मचा दिया.
इस मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मीडिया में लीक होने के बाद सरकार के अधिकारी जांच में लग चुके हैं कि यह रिपोर्ट लीक कैसे हुई.
यूपी के बदायूं जिले के उघैती में पूजा करने गई 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी. महिला के परिजन ने मंदिर के महंत सत्यनारायण और उसके दो साथियों पर गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया, जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वेद राम और जसपाल को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था. फरार आरोपी महंत को गिरफ्तार करने के लिए चार टीमें गठित की गई थीं.
इस मामले में इंस्पेक्टर राघवेंद्र प्रताप सिंह की खुली लापरवाही सामने आई, जिस पर एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा और सीओ बिल्सी अनिरुद्ध सिंह की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने थानेदार को निलंबित कर दिया था.