उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 21 मई को पुलिस की पिटाई के बाद हुई एक सब्जी विक्रेता युवक की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जिले के मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजकर छह सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है।
बीते हफ्ते शुक्रवार को 18 साल के सब्जी विक्रेता फैसल हुसैन को पुलिस ने लॉकडाउन कर्फ्यू तोड़ने के आरोप में पीटा था। उसके घंटे भर बाद ही फैसल की मौत हो गयी थी। पोस्टमॉर्टम में उसके शरीर पर चोट के 14 निशान पाये गये, जिसके बाद दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया था और एक होमगार्ड को ड्यूटी से डिसमिस कर दिया गया था। तीनों पर हत्या की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गयी थी। होमगार्ड गिरफ्तार हो चुका है लेकिन दोनों सिपाही फ़रार हैं।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार जन निगरानी समिति (पीवीसीएचआर) के डॉ. लेनिन ने टाइम्स ऑफ इंडिया में इस आशय की प्रकाशित खबर के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी। उस शिकायत का संज्ञान लेते हुए आयोग ने (केस संख्या- 13140/24/71/2021-ad) सोमवार को उन्नाव के डीएम और एसपी को नोटिस भेजा और रिपोर्ट मंगवायी है।
फैसल अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला शख्स था और परिवार आर्थिक तंगी में चल रहा था। फैसल ने पुणे में दो साल मिस्त्री का काम सीखा था और अपनी बहन की शादी के लिए वापस आया था। अचानक लॉकडाउन लगने के बाद वो वापस नहीं जा सका, तो पास के बाज़ार में सब्जी बेचने लगा था।