एआईकेएससीसी ने कहा कि मोदी सरकार, खेती को कारपोरेट, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों तथा विदेशी निवेशकों के विकास का आधार समझकर बुनियादी गलती कर रही है। सरकार को 70 करोड़ किसानों की जो खेती पर जीवन चलाने के लिए निर्भर हैं मदद करनी चाहिए, विदेशी निवेशकों की नहीं।
- एआईकेएससीसी ने कहा जितना ज्यादा मोदी सरकार विदेशी पूंजी की पीछे भागेगी, उतनी दृढ़ता के साथ संघर्ष बढ़ेगा।
- दिल्ली में चल रहे धरने में शहीद हुए 40 किसानों की श्रद्धांजलि सभा और 22 राज्यों में, 90 हजार विरोध सभाओं में 50 लाख से ज्यादा लोगों की भागीदारी के साथ बनायी गयी।
- एआईकेएससीसी ने प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री के बयानों के विरुद्ध एक खुला पत्र जारी करके उनके झूठ के मुकाबले का अभियान शुरू किया।
- हरियाणा व पश्चिम उत्तर प्रदेश में गुस्सा बढ़ा, गाजीपुर व शाहजाहपुर में भागीदारी बढ़ी। सिंघु व टिकरी में शांतिपूर्ण व धैर्यपूर्ण विरोध जारी। दूर के राज्यों से भी लोग प्रदर्शन में भाग लेने हेतु दिल्ली पहुंच रहे हैं।
एआईकेएससीसी ने खेती में विदेशी व कारपोरेट निवेश का पीछा करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है, कहा है कि 70 करोड़ लोग खेती पर जिंदा रहते हैं, इन कानूनों से उनकी जीविका दांव पर लग गयी है। खेती के 3 कानून खेती के बाजार से सरकारी नियंत्रण हटा देंगे, कम्पनियों व बड़े व्यवसायियों द्वारा खाने का मुक्त भण्डारण शुरू करा देंगे और किसानों को उनके साथ अनुबंध में फंसा देंगे। इससे किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा और गरीबों की कमजोर खाद्यान्न सुरक्षा और कमजोर हो जाएगी।
बिजली बिल 2020 बिजली दरों में छूट समाप्त कर दाम बढ़ा देगा और ट्यूबवेल व बड़े उद्योग तथा छोटी दुकानों व माॅल मे बिजली के दाम बराबर कर देगा।
एआईकेएससीसी ने कहा कि आज दिल्ली में चल रहे धरने में शहीद हुए 40 किसानों की श्रद्धांजलि सभा देश भर में मनाई गयी और 22 राज्यों में, 90 हजार विरोध सभाओं मे, 50 लाख से ज्यादा लोगों ने इनमें भाग लिया।
इस बीच हरियाणा व पश्चिम उत्तर प्रदेश में गुस्सा बढ़ रहा है और ज्यादा लोग अब गाजीपुर व शाहजाहपुर में भागीदारी कर रहे हैं। सिंघु व टिकरी में शांतिपूर्ण व धैर्यपूर्ण विरोध जारी। दूर के राज्यों से भी भारी संख्या में लोग प्रदर्शन में भाग लेने हेतु वाहनों द्वारा व पैदल दिल्ली पहुंच रहे हैं।
एआईकेएससीसी व उसके घटक संगठनों ने प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री के बयानों व पत्र के विरुद्ध एक खुला पत्र जारी करके उनके व भाजपा नेताओं के इस झूठ के मुकाबले का अभियान शुरू किया कि सरकार ने किसानों की ठोस समस्याओं को हल कर दिया है और वे विपक्षी दलों द्वारा संगठित हैं। उन्हें याद दिलाया है कि पंजाब में आगे-आगे आंदोलन चला है, पीछे-पीछे दल समर्थन देने पहुंचे हैं।
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