इंदौर। किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ पिछले 2 महीने से दिल्ली और देश भर में चल रहा आंदोलन और तेज होने वाला है। सरकार द्वारा किसानों के इस आंदोलन की अनदेखी और अनसुना करने के खिलाफ देशभर के किसानों में आक्रोश है ,जहां दिल्ली में 26 जनवरी को एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टरों के साथ 1000000 किसान ट्रैक्टर मार्च करने वाले हैं, वहीं देश के अन्य हिस्सों, जिलों, शहरों और कस्बों में भी ट्रैक्टर मार्च और प्रदर्शन होंगे। इसी के तहत इंदौर में भी 26 जनवरी को सुबह 11:00 बजे गांधी प्रतिमा से मार्च शुरू होगा। जिसका समापन अंबेडकर प्रतिमा पर होगा।
अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति, किसान खेत मजदूर संगठन, इंदौर जिला एटक कमेटी, मध्य प्रदेश किसान सभा और सीटू के आवाहन पर होने वाली इस किसान मार्च में बड़ी संख्या में किसान और विभिन्न जन संगठनों के कार्यकर्ता शिरकत करेंगे। रविवार सुबह पत्रकारों को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए रूद्र पाल यादव, रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोदिया, अरुण चौहान ,एसके दुबे, प्रमोद नामदेव ,भागीरथ कछवाय आदि ने बताया कि देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में इंदौर में भी विभिन्न किसान संगठन लगातार धरना प्रदर्शन सभा और जन जागरण का काम पिछले 2 महीने से कर रहे हैं।
26 जनवरी को सरकार की संविधान विरोधी कार्यवाही और किसान मजदूर के खिलाफ लाए गए काले कानूनों के खिलाफ इंदौर में भी ट्रैक्टर रैली और मार्च निकाला जाएगा। यह मार्च गांधी प्रतिमा रीगल चौराहा से शुरू होकर अंबेडकर प्रतिमा गीता भवन चौराहे तक निकलेगा। इंदौर जिले सहित संभाग के कई किसान साथियों ने इस रैली में शिरकत करने का वादा किया है। वे किसान अपने खेतों से मुट्ठी भर मिट्टी लाएंगे और गांधी जी की प्रतिमा को समर्पित करेंगे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर भी किसान संगठनों ने किया प्रदर्शन और सभा
इंदौर के विभिन्न किसान संगठनों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर गांधी हाल से जुलूस निकालकर संभाग आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया और संभागायुक्त परिसर में ही सभा भी की सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि –
सरकार भले ही कितनी ही हठी हो जाए लेकिन कारपोरेट के भले के लिए लाए गए तीनों काले कानूनों को उसे वापस लेना ही होगा।
सभा को मध्य प्रदेश किसान सभा के जसविंदर सिंह, किसान संघर्ष समिति मालवा निमाड़ के संयोजक रामस्वरूप मंत्री, अखिल भारतीय किसान सभा के अरुण चौहान और कैलाश लिंबोदिया तथा किसान खेत मजदूर संगठन के प्रमोद नामदेव ने संबोधित किया।
प्रदर्शन और सभा के बाद संभागायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया जिसमें मांग की गई है कि सरकार अपना हक छोड़ें और तीनों किसान कानून तत्काल वापस लेने की घोषणा करें।
किसान संघर्ष समिति, मालवा निमाड़ द्वारा जारी