कृषि कानूनों के खिलाफ बीते ढाई महीने से जारी किसानों के आंदोलन में एक और किसान ने अपनी क़ुरबानी दे दी. दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर बीती देर रात एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी. मरने से पहले मृतक किसान कर्मबीर ने सुसाइड लिखा जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के खराब रवैये से परेशान होने की बात लिखी है.
पचास वर्षीय कर्मबीर सिंह जींद के निवासी थे और वे टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल थे.
कर्मबीर सिंह पाल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है-
“भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद, प्यारे किसान भाइयों ये मोदी सरकार तारीख पे तारीख देता जा रहा है , इसका कोई अंदाजा नहीं कि ये काले कानून कब रद्द होंगे, जब तक काले कानून रद्द नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे.”
इससे पहले 19 जनवरी को रोहतक के पाकस्मा निवासी जयभगवान राणा ने जहर खा लिया था, जिससे 20 जनवरी को उसकी मौत हो गई थी. 27 दिसंबर 2020 को पंजाब के फाजिल्का के जलालाबाद बार एसोसिएशन के सदस्य वकील अमरजीत ने पीएम के नाम पत्र लिखकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.
अब किसान कर्मबीर सिंह ने सरकार की अड़ियल नीति के कारण फांसी लगा कर जान दे दी. और अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.