चंद्रशेखर के साथ गठबंधन न करने की चूक क्या समाजवादी पार्टी को भारी पड़ी?

चुनावों में धारणा और उसके संकेतों का बहुत महत्व होता है। चंद्रशेखर रावण के इस भावुक अंदाज ने दलित मतदाताओं को एक संदेश देने का काम किया कि समाजवादी पार्टी को उनके नेता की परवाह नहीं है। इतना ही नहीं, अपने को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए चंद्रशेखर रावण ने दलित समुदाय के मुद्दे पर अखिलेश यादव के रवैये को लेकर भी जो प्रश्न उठाए, उन सबने दलित वर्ग के एक तबके को समाजवादी पार्टी से अलग करने का काम किया।

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