तस्करी के जाल से निकल के घर लौटी मुड़की को गरीबी के जंजाल से मुक्ति कौन दिलाएगा?
मैं मुड़की से दोबारा बात करने का प्रयास करने लगा। उससे एक अदभुत बात पता चली कि उसे गांव पसंद नहीं आ रहा है। उसे घर में रहना भी पसंद नहीं है। मुड़की बताती है कि दिल्ली में उसका जीवन बेहतर था, वहां उसे बेहतर खाना मिलता था और रहने के लिए भी अच्छी जगह थी।
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