आधी सदी तक सक्रिय एक राजनीतिक जीवन के विरोधाभास
सवाल किसी एक पासवान का नहीं है। सवाल है तथाकथित प्रतिनिधियों का। रामविलास पासवान जी अपने जीवन के आरम्भ में जुझारू दलित नेता रहे हैं। उन्होंने दलितों की सुरक्षा के लिए दलित सेना भी बनाई थी। उनकी सेना कितने दलितों की सुरक्षा कर पाई?
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