‘साम्प्रदायिकता और कॉरपोरेट, दोनों ही खतरों से लेखक लेंगे लोहा’! प्रलेस सम्मेलन में लेखकों ने लिया संकल्प

‘प्रगतिशील लेखन आंदोलन- चुनौतियां और दायित्व तथा बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में लेखकों की भूमिका’ विषय पर सम्मेलन में अनेक विद्वान वक्ताओं ने अपने विचार रखे। संपन्न आयोजन में साहित्य संस्कृति के अनेक रंग देखे गए।

Read More