स्त्री-पात्रों के चित्रण में प्रेमचंद खुद को केवल समस्या तक सीमित नहीं रखते, समाधान सुझाते हैं
प्रेमचंद ने यहाँ भी सुधार की बात की हैं। किस तरह वेश्या को सही मार्ग पर लाया जाए, इस समस्या के समाधान हेतु उन्होंने वेश्याओं के लिए एक आश्रम बनाने की बात कही हैं। इस समाधान को कई आलोचकों ने आदर्शवादी करार दिया है।
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