फ़ैज़ाबाद से एक अपील…

शाह आलम  अयोध्या/फ़ैज़ाबाद के हिंदी प्रिंट मीडिया का एक बड़ा हिस्सा अपनी पेशागत नैतिकताओं के विरुद्ध निहायत गैरजिम्मेदाराना, पक्षपाती, शरारती, षडयंत्रकारी, सांप्रदायिक और जनविरोधी हो चला है। वह अपनी विरासतों/नीतिगत मानदंडों का खुल्लमखुल्ला …

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रंगकर्मी बहेलिये और एक गरीब का सपना: संदर्भ NSD, मकर संक्रान्ति

राजेश चंद्र  15वें भारत रंग महोत्सव के दौरान विगत 14 जनवरी 2013 को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय परिसर में भारतीय रंगमंच पर केन्द्रित त्रैमासिक पत्रिका “समकालीन रंगमंच” के लोकार्पण समारोह में …

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मीडिया बिका बजार में…

अभिषेक श्रीवास्‍तव   पिछले साल 7 दिसंबर को ‘द इंडियन एक्‍सप्रेस’ ने छत्‍तीसगढ़ सरकार के बारे में पहले पन्‍ने पर एक विस्‍फोटक रिपोर्ट छापी थी। आशुतोष भारद्वाज की लिखी इस …

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दस मुख्‍यमंत्री, 200 पत्रकार और कम्‍युनिस्‍ट ‘शिष्‍य’: पांच साल में एक IIMCian की कमाई

कल यानी 31 दिसंबर की रात अचानक फेसबुक चैट पर पहली बार एक अनजान शख्‍स ने हरे कृष्‍ण कह कर संबोधित किया, जो पता नहीं क्‍यों और कैसे मेरी मित्र …

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”अजित अंजुम से अपेक्षा है कि वे अफसोस प्रकट करेंगे”

वक्तव्य विभिन्न माध्यमों से पता चला है कि पिछले दिनों हिंदी के वयोवृद्ध लेखक राजेन्द्र यादव के साथ उनके घर जाकर अजित अंजुम नाम के व्यक्ति ने, जो टीवी का …

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मां, जिसने राजनीति से दूर रखा, आज बहुत खुश है…

सुशासन बाबू के कुशासन में परिवर्तन का एक नया चेहरा उभरा है। खानदानी कम्‍युनिस्‍टों की परंपरा से निकले इस सुर्ख युवा चेहरे की पसंद की फेहरिस्‍त में एक ओर स्‍वामी …

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एफडीआई वोट: संसदीय ‘लेजिटिमेसी’ की एक और साजि़श

अभिषेक श्रीवास्‍तव अब, जबकि संसद के दोनों सदनों में मल्‍टीब्रांड रीटेल में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के खिलाफ भाजपा का अविश्‍वास प्रस्‍ताव गिर गया है और ‘तकनीकी’ रूप से यूपीए सरकार …

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