मराठवाड़ा यात्रा: चौथी किस्त
(गतांक से आगे) सूखे की जड़ें कल की उपेक्षा करने और वर्तमान में जीने का संकट अकेले दुष्काल का संकट नहीं है। यह संकट समूचे देश-काल का केंद्रीय संकट है। …
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(गतांक से आगे) सूखे की जड़ें कल की उपेक्षा करने और वर्तमान में जीने का संकट अकेले दुष्काल का संकट नहीं है। यह संकट समूचे देश-काल का केंद्रीय संकट है। …
Read More(गतांक से आगे) ऐसे टूटते हैं बंध आज 14 अप्रैल है: बाबासाहेब आंबेडकर के बैनरों-पोस्टरों की कोई कमी नहीं है नेता और जनता के सपनों में बहुत फर्क नहीं होता, …
Read More(गतांक से आगे) कब्र पर सपने अट़ठाईस साल के बाबासाहेब जिगे का बाकी इतिहास भी इतना ही रहस्यमय है। शुरुआती दिनों में अपने चाचा से प्रभावित होकर वे 2007 से …
Read Moreअप्रैल के तीसरे सप्ताह में मैं मराठवाड़ा के दौरे पर रहा। वहां जो कुछ देखा, सुना, समझा, वह राष्ट्रीय मीडिया में सूखे पर आ रही खबरों से मिलता-जुलता भी था …
Read More4-5 May, 2013 Ejaz Ali Auditorium, Nagarpalika, Bijnor आम लोगों के बीच सिनेमा के माध्यम से बदलाव की चेतना को ले जाने की अपनी सांस्कृतिक मुहिम के क्रम में ‘अवाम …
Read MoreOur planet is not for sale! ADB Quit India! Quit Asia! We, peoples’ movements, mass organisations, struggle groups, trade unions, community organisations and many others from India and the Asia-Pacific …
Read MoreBy Gerard Ryle, Marina Walker Guevara, Michael Hudson, Nicky Hager, Duncan Campbell and Stefan Candea April 3, 2013, 6:00 pm Dozens of journalists sifted through millions of leaked records and …
Read MoreIt is no accident that the auditor has become the new subaltern figure of resistance The government of India is a government of contractors, by contractors, for contractors. There may …
Read Moreसुनील जहां उद्योग लगते हैं उस इलाके में माल के आवागमन के लिए रोड, बाजार का विकास होता है। एक ऐसा भी उद्योग है जहां सड़क के नाम पर सिर्फ पगंडडी …
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