पी. साइनाथ की ‘परी’: उम्‍मीद पर भी सवाल बनते हैं

अभिषेक श्रीवास्‍तव  बीते दस साल में अगर याद करें तो मुझे नहीं याद पडता कि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर जैसे एक अपमार्केट अभिजात्‍य आयोजन स्‍थल पर किसी कार्यक्रम में पांच सौ …

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पी. साइनाथ, परी और गांव-गिरांव की बातें

पीपॅल्‍स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया (परी) इसके संस्‍थापक पत्रकार पी.साइनाथ के साथ एक संवाद के लिए आपको आमंत्रित करता है। साइनाथ परी के बारे में आपको जानकारी देंगे और देश …

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धर्मांतरण: ‘परावर्तन’ से ‘घर वापसी’ तक 18 साल

(पिछले लेख ”चुनावी नतीजे और संघ का एजेंडा” में हमने बताया कि कैसे जम्‍मू और कश्‍मीर विधानसभा चुनाव के हालिया नतीजों ने ‘हिंदू राष्‍ट्र’ की संघी परियोजना की राह का …

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चुनावी नतीजे और संघ का एजेंडा

अभिषेक श्रीवास्तव ‘‘कश्मीर के महाराजा क्षत्रियों के सूर्यवंश से आते हैं, जो राजपूतों का सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित वंश है। यही वह वंश था जिसने इस विश्व को रामायण का …

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भूलने के पक्ष में

अभिषेक श्रीवास्‍तव  दुनिया जीने के लायक नहीं बची याद नहीं कितनी बार कही होगी हमने यह बात और फिर जीते चले गए होंगे ठीक उसी तरह जैसे लिखी जा रही …

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क्‍या तुम्‍हें सोनी सोरी की याद नहीं आयी?

विमल कुमार क्या तुम्हें सोनी सोरी की तनिक याद नहीं आयी जब तुम बोल रही थी उनके सामने नहीं याद आयी कि कितने मासूम लोग भी मारे गए हैं भूख …

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रायपुर के सैलानियों, विष्‍णु खरे का पत्र पढ़ो और डूब मरो!

(करीब चार दर्जन लाशों पर खड़े होकर छत्‍तीसगढ़ की भाजपा सरकार साहित्‍य का महोत्‍सव मना रही है और हमेशा की तरह हिंदी साहित्‍य और पत्रकारिता के कुछ चेहरे न सिर्फ …

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फॉरवर्ड प्रेस प्रकरण- आखिरी किस्‍त

हक़ीकत के आईने में फ़सानों का कारोबार  पिछले साल दलित लेखक मुसाफिर बैठा ने फॉरवर्ड प्रेस पर यह आरोप लगाया था कि फॉरवर्ड प्रेस, फॉरवर्ड प्रेस नहीं है बल्कि वह …

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फॉरवर्ड प्रेस प्रकरण – तीसरी किस्‍त

हक़ीकत के आईने में फ़सानों का कारोबार  फॉरवर्ड प्रेस में नौकरी करते हुए ऐसे अनेक अवसर आए जब मैंने लिखने की कोशिश की और मुझे लिखने से वहां सीधे-सीधे या …

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