पी. साइनाथ की ‘परी’: उम्मीद पर भी सवाल बनते हैं
अभिषेक श्रीवास्तव बीते दस साल में अगर याद करें तो मुझे नहीं याद पडता कि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर जैसे एक अपमार्केट अभिजात्य आयोजन स्थल पर किसी कार्यक्रम में पांच सौ …
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अभिषेक श्रीवास्तव बीते दस साल में अगर याद करें तो मुझे नहीं याद पडता कि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर जैसे एक अपमार्केट अभिजात्य आयोजन स्थल पर किसी कार्यक्रम में पांच सौ …
Read Moreपीपॅल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया (परी) इसके संस्थापक पत्रकार पी.साइनाथ के साथ एक संवाद के लिए आपको आमंत्रित करता है। साइनाथ परी के बारे में आपको जानकारी देंगे और देश …
Read More(पिछले लेख ”चुनावी नतीजे और संघ का एजेंडा” में हमने बताया कि कैसे जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के हालिया नतीजों ने ‘हिंदू राष्ट्र’ की संघी परियोजना की राह का …
Read Moreअभिषेक श्रीवास्तव ‘‘कश्मीर के महाराजा क्षत्रियों के सूर्यवंश से आते हैं, जो राजपूतों का सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित वंश है। यही वह वंश था जिसने इस विश्व को रामायण का …
Read Moreअभिषेक श्रीवास्तव दुनिया जीने के लायक नहीं बची याद नहीं कितनी बार कही होगी हमने यह बात और फिर जीते चले गए होंगे ठीक उसी तरह जैसे लिखी जा रही …
Read Moreविमल कुमार क्या तुम्हें सोनी सोरी की तनिक याद नहीं आयी जब तुम बोल रही थी उनके सामने नहीं याद आयी कि कितने मासूम लोग भी मारे गए हैं भूख …
Read More(करीब चार दर्जन लाशों पर खड़े होकर छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार साहित्य का महोत्सव मना रही है और हमेशा की तरह हिंदी साहित्य और पत्रकारिता के कुछ चेहरे न सिर्फ …
Read Moreपंकज मिश्रा वी एस नायपॉल ने 1976 में भारत को ‘एक घायल सभ्यता’ का नाम दिया था जिसकी जाहिर राजनीतिक व आर्थिक नाकामियों की तह में एक गहरा बौद्धिक संकट …
Read Moreहक़ीकत के आईने में फ़सानों का कारोबार पिछले साल दलित लेखक मुसाफिर बैठा ने फॉरवर्ड प्रेस पर यह आरोप लगाया था कि फॉरवर्ड प्रेस, फॉरवर्ड प्रेस नहीं है बल्कि वह …
Read Moreहक़ीकत के आईने में फ़सानों का कारोबार फॉरवर्ड प्रेस में नौकरी करते हुए ऐसे अनेक अवसर आए जब मैंने लिखने की कोशिश की और मुझे लिखने से वहां सीधे-सीधे या …
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