स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब भी मांगा है. पुलिस पर आरोप है कि उसने फारूकी की गिरफ्तारी के वक्त सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय गाइडलाइन का पालन नहीं किया था. साथ ही कोर्ट ने फारूकी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज मुकदमे के लिए जारी प्रॉडक्शन वारंट पर रोक लगा दिया है.
मुनव्वर की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील सौरभ किरपाल ने जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि, फारूकी की गिरफ्तारी में सीआरपीसी (CrPC) की धारा-41 के तहत बताई गई प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.
बीते 1 जनवरी को इंदौर में एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो के बाद मुनव्वर को एक बीजेपी विधायक मालिनी गौर के बेटे एकलव्य सिंह गौर की शिकायत पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. बीजेपी नेता के बेटे ने मुनव्वर हिन्दुओं के धार्मिक भावनाओं को आहत करने की शिकायत की थी.
फारूकी के साथ चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया था. 3 जनवरी को पुलिस ने कहा था कि देवी-देवताओं के अपमान वाला उनका कोई भी वीडियो नहीं मिला.
एकलव्य की शिकायत पर पुलिस ने मुनव्वर और उसके साथी एडविन एंटनी, प्रकाश व्यास, प्रीतम व्यास और निलिन यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-A, 298, 269, 188 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था.
बता दें कि, इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मुनव्वर की जमानत याचिका को ख़ारिज करते कहा था कि “ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. मैं योग्यता के आधार पर आदेश सुरक्षित रखूंगा.”