करीब तीन दर्जन से ज्यादा संगठनों ने मजदूर संगठन MAS की कार्यकर्ता नवदीप कौर की गिरफ्तारी और हिरासत में पुलिस द्वारा की गयी यौन हिंसा की कठोर निंदा की है और एक संयुक्त बयान जारी किया है। इन संगठनों के साझा मंच कैम्पेल अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन की ओर से जारी बयान में कौर की तत्काल रिहाई तथा हरियाणा के कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में मजदूर कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए हरियाणा पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है।
नवदीप कौर 24 वर्ष की राजनीतिक कार्यकर्ता हैं जो मजदूर अधिकार संगठन के साथ कुंडली के क्षेत्र में काम करती हैं। उन्हें बीती 12 जनवरी को किसान आंदोलन के बीच से हरियाणा पुलिस उठा कर ले गयी थी और उनके ऊपर दो मुकदमे कायम किये थे। फिलहाल उन्हें करनाल जेल में भेजा गया है।
नवदीप और उनके संगठन के लोग कुंडली के औद्योगिक क्षेत्र में लॅकडाउन के दौरान वहां की कंपनियों में काम करने वाले मजदूरों को उनके नियोक्ताओं के द्वारा भुगतान न किये जाने के मुद्दे पर लड़ रहे थे और कंपनियों में भुगतान दिलवाने का संघर्ष कर रहे थे। इस बीच वे किसान आंदोलन में भी सक्रिय थे और किसानों की मदद से मजदूरों को राहत दिलवा रहे थे। उस क्षेत्र के कुछ मजदूर किसान आंदोलन में भी शामिल हैं।
इन्हीं में से एक कंपनी मेसर्स एलेकमेक प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंटेंट और एक पुलिस दारोगा के बयान के आधार पर नवदीप के खिला एफआइआर संख्या 25/2021 और 26/2021 दायर की गयी।
सीएएसआर द्वारा जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि पुलिस हिरासत में पुरुष पुलिसवालों ने नवदीप के बहुत पीटा और उनके साथ यौन हिंसा भी की। उसके बाद नवदीप को दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में करनाल जेल भेज दिया गया। बयान के मुताबिक कुंडली क्षेत्र में काम करने वाले कुछ और मजदूर कार्यकर्ताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
डेढ़ महीने पहले कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन शुरू होने के बाद मजदूर अधिकार संगठन ने किसानों की मदद से मजदूरों को भुगतान करवाने का अपना अभियान तेज कर दिया था। मजदूरों का किसान आंदोलन को समर्थन मिला तो बदले में किसानों की मदद से संगठन ने 300 से ज्यादा मजदूरों को उनका बकाया भुगतान दिलवाने में कामयाबी भी हासिल की थी।
इसी एकता को तोड़ने के लिए कारखाना प्रबंधकों ने हमले शुरू कर दिए, जिसके चलते 2 जनवरी को अपना बकाया भुगतान मांगने गए मजदूरों के ऊपर गोली चलायी गयी। मजदूर अधिकार संगठन ने इसके खिलाफ एफआइआर कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने दरख्वास्त नहीं ली। यही घटना 12 जनवरी को भी दोहरायी गयी। कंपनी गए मजदूरों पर लाठीचार्ज और गोलीबारी हुई। इके बाद ही नवदीप को पुलिस ने उठा लिया।
बयान में कारखाना मालिकों, पुलिस, सैन्यबलों, हिंदू जागृति मंच जैसे स्थानीय समूहों और कंपनियों के सशस्त्र गिरोहों की मिलीभगत की बात कही गयी है।
कैम्पेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन (सीएएसआर) की ओर से यह बयान जारी करने वाले संगठन निम्न हैं:
AISA, AISF, APCR, Bhim Army, Bigul Mazdoor Dasta, BSCEM, CEM, CRPP, CTF, Disha, DISSC, DSU, DTF, IAPL, IFTU, IMK, Karnataka Janashakti, KYS, Lokpaksh, LSI, Mazdoor Adhikar Sangathan, Mazdoor Patrika, Mehnatkash Mahila Sangathan, Morcha Patrika, NAPM, NBS, NCHRO, Nowruz, NTUI, PDSU, People’s Watch, Rihai Manch, Samajwadi Janparishad, Satyashodak Sangh, SFI, United Against Hate, WSS