संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प के भड़काऊ भाषण के बाद उनके हजारों समर्थकों द्वारा अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग में जबरन घुस कर तोड़फोड़ करने और हिंसा भड़काने की अभूतपूर्व घटना ने पूरी दुनिया की नींद उड़ा दी है. इस हिंसा में अब तक 4 ट्रम्प समर्थक उत्पातियों की मौत हो चुकी है. वहीं वाशिंगटन में आगामी 15 दिनों के लिए आपातकाल घोषित किया गया है.
फॉक्स न्यूज़ के अनुसार, यूएस कैपिटल में हुई हिंसा के दौरान मारी गईं महिला की स्थानीय पुलिस ने पहचान कर ली है. बताया गया है कि मृतका का नाम एशली बैबिट था जो सैन डिएगो की रहने वाली थीं. अमेरिकी मीडिया के अनुसार, एशली यूएस एयर फ़ोर्स में भी रह चुकी थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, कैपिटल बिल्डिंग में घुसते समय एशली को गोली लगी. वे अन्य दंगाइयों के साथ थीं.
इस बीच वाइट हाउस की पूर्व प्रेस सचिव और फ्लोटस के वर्तमान चीफ ऑफ स्टाफ स्टेफनी ग्रिशम ने राजधानी में भड़की हिंसा के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग के चारों तरफ़ सड़कों पर पुलिस दंगे की आशंका को लेकर तैनात है. वॉशिंगटन की मेयर ने पूरी रात के लिए कर्फ़्यू लगा दिया है. वॉशिंगटन पुलिस के प्रमुख के अनुसार रात साढ़े नौ बजे तक 52 लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं.
इधर ट्रम्प के करीबी मित्र माने जाने वाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा:
वॉशिंगटन डीसी में दंगों और हिंसा के बारे में जानकारी मिलने के बाद से काफी चिंतित हूं. सत्ता का हस्तांतरण क्रमबद्ध और शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए. गैरकानूनी विरोध के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता है.
फ़्लोरिडा के सीनेटर मार्को रूबियो ने अमेरिकी हिंसा की आलोचना करते हुए कहा:
आज रूस और चीन जैसे देश हम पर हँस रहे होंगे. वो इस घटना को यह बताने के लिए इस्तेमाल करेंगे कि अमेरिका उतार पर है. आज जो हुआ, उसे देखकर मैं यही कहूँगा कि हम अपने देश में गिरावट को देख रहे हैं. मुझे लगता है कि राजनीति ने हमें पागल कर दिया है, सभी का दिमाग़ फिर गया है.
रूबियो ट्रंप की पार्टी के ही नेता हैं. उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में कहा:
मैं उन लोगों के बीच पलकर बड़ा हुआ जो अपने-अपने देशों को छोड़कर अमेरिका आए थे क्योंकि उनके देशों में हालात बहुत तनावपूर्ण थे और परिस्थितियाँ नाज़ुक थीं, ठीक वैसी ही, जैसी आज हम यहाँ देख रहे हैं.
अब से कुछ देर पहले सेनेटर मिट रोमनी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए इस हिंसा पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह अमेरिका के इतिहास में एक बदनुमा दाग के रूप में दर्ज रहेगा. उन्होंने इस दंगे के लिए प्रेसिडेंट ट्रम्प की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा इस विद्रोह को राष्ट्रपति ने उकसाया है.